मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने इंदौर जिले के ग्राम निपानिया में संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अनेक चुनौतियाँ हैं। इसके बावजूद हमारी कोशिश है कि सभी को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले। इसलिये पूरे प्रदेश में ऐसी बस्तियों में संजीवनी क्लीनिक खोले जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य संस्थाओं से बहुत अधिक दूरी पर स्थित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक बड़ी चुनौती नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करना है। नौजवानों में तड़प है व्यवसाय करने की। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखकर प्रदेश में निवेश के माध्यम से आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं क्योंकि निवेश ही आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ाने का सशक्त जरिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवेश बढ़ेगा क्योंकि निवेश, विश्वास चाहता है। उन्होंने किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
श्री कमल नाथ ने लोगों से कहा कि मैं घोषणा नहीं करता हूँ, मैं चाहता हूँ कि आप लोग घोषणा करें। मुझे आपका सर्टिफिकेट चाहिए कि काम हो गया है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे मध्यप्रदेश का निर्माण करने के लिये तत्पर हैं, जहाँ के रहवासी प्रदेश पर गर्व करें।
नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराना मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसलिये स्वास्थ्य विभाग के बजट में 33 प्रतिशत वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम लागू करने का निर्णय मुख्यमंत्री की सकारात्मक सोच का परिणाम है।
मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि मोहल्ला क्लीनिक योजना के अंतर्गत पहले चरण में इंदौर, सागर, ग्वालियर और जबलपुर में आज संजीवनी क्लीनिक शुरू किये गए हैं। दूसरे चरण में शेष संभागों में संजीवनी क्लीनिक शुरू किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने शुभारंभ समारोह में संजीवनी सामग्री का विमोचन किया और क्लीनिक के कक्षों का अवलोकन किया। इस अवसर पर इंदौर जिले के प्रभारी गृह एवं जेल मंत्री श्री बाला बच्चन, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी, लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक श्री संजय शुक्ला, श्री सदाशिव यादव, श्री विनय बाकलीवाल, श्री प्रमोद टंडन और श्री नरेन्द्र सलूजा उपस्थित थे।